एसिड अटैक के बाद भी , खुलेआम बिक रहा तेजाब

आधी आबादी की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद होने का ढोल पीटने वाली दून पुलिस का असल चेहरा इससे काफी जुदा है। उसे न तो बढ़ते महिला अपराध की फिक्र है और न ही आला अधिकारियों का खौफ। इसी की बानगी है कि डीआइजी के आदेश के 24 घंटे बाद भी किसी थाने-चौकी की पुलिस ने खुलेआम एसिड बेच रहे दुकानदारों के यहां झांकने की जहमत नहीं उठाई। मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने पुलिस के इस लापरवाह रवैये को बेपर्दा किया।


 


सोमवार को दून के पुलिस कप्तान एवं डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने सभी थाना-चौकियों को नियम-कायदों का पालन किए बगैर एसिड बेच रहे दुकानदारों के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया था। मंगलवार को जब महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम एसिड बिक्री की हकीकत जानने दून की सड़कों पर निकली तो उनकी ‘आज्ञाकारी’ पुलिस की हकीकत सामने आ गई। टीम के सदस्य आम उपभोक्ता बनकर सहारनपुर चौक, लक्ष्मण चौक, सर्वे चौक और पलटन बाजार की 20 दुकानों में तेजाब लेने पहुंचे। इनमें से 12 दुकानों में टीम को आसानी से तेजाब मिल गया। न तो नाम-पता पूछा गया और न ही तेजाब खरीदने की वजह। कहीं बीयर की बोतल में तेजाब बेचा जा रहा था तो कहीं प्लास्टिक की बोतल में। टीम ने इस सबकी फोटोग्राफी के साथ वीडियोग्राफी भी की। जिसे आला अधिकारियों को भेजा जाएगा।


 


20 रुपये में मिलता है ‘जिंदगी जलाने’ का सामान : महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्र ने बताया कि दुकानों में एसिड जैसा खतरनाक पदार्थ मात्र 20 रुपये में मिल रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसी दुकानों की जानकारी जिलाधिकारी को भेज दी गई है। जल्द ही इन दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


 


दुकानदार बोले, सेफ है ये एसिड : टीम में शामिल सरोज ध्यानी ने बताया कि अधिकतर दुकानदारों ने एसिड को लैब टेस्टेड बताया। उनका कहना था कि यह बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है। जबकि विभाग की टीम ने जांच कराई तो सभी सैंपल जानलेवा साबित हुए। टीम में माया, फिरदौस और कुंवर सिंह भी शामिल रहे।


मंगलवार को झंडा बाजार की दुकानों में एसिड की ब्रिक्री को देखने पंहुची (बाएं से) महिला कल्याण अधिकारी सरोजनी ध्यानी, एडवोकेट फिरदौस व सेंटर प्रभारी माया नेगी ’ जागरण


ये है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन


 


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार किसी भी दुकानदार को तेजाब की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसके अलावा उसे दुकान में एक रजिस्टर भी रखना होगा। जिसमें तेजाब खरीदने वाले उपभोक्ता का नाम-पता, मोबाइल नंबर आदि दर्ज करना होगा। तेजाब खरीदने वाले से पहचान प्रमाण पत्र की प्रति लेना भी अनिवार्य है।


 


 


हमारी टीम अपने स्तर पर सादे कपड़ों में ऐसी दुकानों का पता लगा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम अगर हमें ऐसी दुकानों कि सूची उपलब्ध करा दे तो हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। साथ ही यह जिस क्षेत्र की घटना है, वहां के चौकी इंचार्ज के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।


 


अरुण मोहन जोशी, डीआइजी